Perspectives from ISB

उपेंद्र सिंह, कंसलटेंट, इंडिया डाटा पोर्टल

बेहद पुराना जुमला है – भारत एक कृषि प्रधान देश है, एक जमाने में इस देश की 85 प्रतिशत आबादी गांवों मेँ निवास करती थी और भारत जैसे विशाल देश की अर्थव्यवस्था अधिकांशतः  इन गावों पर ही निर्भर थी। ग्राम वासियों की आजीविका खेती किसानी और गृह कुटीर उद्योगों के सहारे आगे बढ़ती थी। आज इस देश की एक बड़ी जनसंख्या ग्रामीण इलाकों से निकलकर कस्बों और शहरों में बस रही है लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि आज भी गांव की उत्पादन कार्य कौशल इस देश की मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए उतना ही अहम बना हुआ है, जो अब से आधे दशक पूर्व था। ऐसे में शहरी और ग्रामीण संरचना व्यवस्थित रहे, इसके लिए मीडिया को उसकी जरूरत के अनुसार पर्याप्त और भरोसेमंद सूचना सामग्री का मिलना, एक महत्वपूर्ण मसला है। इसलिए यदि आप पत्रकार या शोधकर्ता हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर लिखते हैं तो इंडिया डेटा पोर्टल (आईडीपी) आपके लिए अतिरिक्त जानकारी जुटाने का एक उपयोगी माध्यम हो सकता है।

तो अब सवाल उठता है सूचनाएं जुटाने के लिए सार्वजनिक तौर पर तथ्य और आंकड़े उपलब्ध हैं तो उनकी जानकारी कितनी सुलभ और विश्वसनीय है? अमूमन मीडिया कर्मियों को अपनी स्टोरी लिखने के लिए अनेक ऑनलाइन माध्यम उपलब्ध होते हैं परंतु किसी विशेष विषय पर गलत डेटा से बचने के साथ साथ भरोसेमंद स्रोतों तक पहुंचते हुए, उसकी जरूरत के अनुसार आंकड़े मिल जाएं, तो स्टोरी की गुणवत्ता बढ़ जाती है।

इस संदर्भ में एक ख्यातिप्राप्त उच्च शिक्षा संस्थान, इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस (आईएसबी) से सम्बद्ध इकाई भारती इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी ने महत्वपूर्ण पहल करते हुए एक ‘वन  स्टॉप ओपन डेटा पोर्टल’, आईडीपी को विकसित किया है। भारती इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी (बीआईपीपी), इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) पब्लिक पॉलिसी क्षेत्र में अनुसंधान और शिक्षा पर केंद्रित है। यह संस्थान विभिन्न क्षेत्रों में सैद्धांतिक चुनौतियों जिनमें मुख्य रूप से कृषि और खाद्य, पर्यावरण, शिक्षा, वित्त, शासन और डिजिटल आइडेंटिटी इत्यादि शामिल हैं, पर काम करता है।

इंडिया डेटा पोर्टल भारत के ग्रामीण इलाकों और मूलरूप से कृषि उपज के आंकड़ों को व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करता है, साथ ही साथ इन आंकड़ों को ग्राफिक्स के तौर पर भी तैयार किया जा सकता है, जिसके लिए पोर्टल में 33 विजुलाइजेशन उपलब्ध हैं। यह पोर्टल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे आज के दौर की सूचना क्रांति के तहत मीडिया संस्थानों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसका उद्देश्य कई स्रोतों में बिखरे विषयों और क्षेत्रों के सरकारी डेटा को एक स्थान पर उपलब्ध कराना है, जिसका प्रयोग नीति निर्माता, शोधकर्ता, छात्र और पत्रकार सभी कर सकते हैं। पोर्टल मेँ 6 क्षेत्रों के 35 से अधिक डेटासेट उपलब्ध हैं, जिन्हें तिमाही अंतराल पर और इसके इन्डिकेटरों को प्रतिदिन  अपडेट किया जाता है। पोर्टल के 6 प्रमुख क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन और कृषि शामिल हैं, और  इन दोनों से संबंधित चार अन्य संबद्ध क्षेत्र हैं।

परंतु तकनीक पर आधारित सूचना तंत्र का पूरी कुशलता से प्रयोग किया जा सके, इसके लिए  पत्रकारों और कृषि विशेषज्ञों को डेटा से कहानियों को समझने, व्याख्या करने और उन्हें खोजने के लिए प्रशिक्षित करने की भी आवश्यकता है। अपने इसी दायित्व को समझते हुए आईएसबी आईडीपी की रूपरेखा और उसमें मौजूद आंकड़ों पर मास्टरक्लास और वर्कशॉप ट्यूटोरियल आयोजित करता है ताकि पत्रकारों और कृषि विशेषज्ञों को इसके इस्तेमाल समुचित जानकारी हो सके।

आईडीपी पोर्टल को 31 जनवरी ——  को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में लॉन्च किया गया था। लॉन्च मेँ डेटा फॉर स्टोरीज़ ने स्पष्ट किया कि डेटा का इस्तेमाल करते हुए कैसे कहानियों, अंतर्दृष्टि, पैटर्न और जानकारी को रोचक तौर पर पेश किया जा सकता है, क्योंकि स्टोरी को तैयार करने वाला संख्याओं और उसके ग्राफिक्स की पेंचीदगियों मेँ खो भी सकता है। जबकि सच्चाई यह है आईडीपी द्वारा तैयार्ट किए गए डेटा एक बार देखने के बाद प्रयोगकर्ता को काफी आश्चर्यचकित कर सकते हैं। पोर्टल से जुड़े प्रबंधकों का दावा है कि आईडीपी मेँ उपलब्ध डेटा की विश्वसनीयता पर सवाल इसलिए नहीं उठाया जा सकता, क्योंकि भारत में डेटा को मजबूत पद्धति के साथ सांख्यिकीय प्रणाली के माध्यम से एकत्र किया जाता है और यह पत्रकारों को बिना अधिक प्रयास के डेटा से अपनी रिपोर्ट तैयार करने में मदद करता है। भारत डेटा पोर्टल पर प्रामाणिकता के लिए प्रत्येक डेटासेट के साथ उसके स्रोतों को भी शामिल शामिल किया गया है। आईडीपी एक ऐसी शुरुआत है जहां लोग डेटा के साथ समर्थित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा कर सकते हैं। अपनी उपयोगिता साबित करते हुए आज यह पोर्टल अंग्रेजी के साथ साथ  हिन्दी, बंगाली, तेलुगु, उड़िया, मराठी इत्यादि 5 स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है।

यह पोर्टल जंपस्टार्टइंडिया@आइएसबी की  पहल के अंतर्गत दो प्रकार के डेटासेट उपलब्ध कराता है – आईडीपी डेटासेट और हाई फ्रीक्वन्सी इंडिकेटर्स यानि एचएफआई – एचआरआई।

आईडीपी अपने प्रयोगकर्ता को प्रोत्साहित करता हैं कि वह संबंधित जानकारी के लिए कभी भी पोर्टल के अधिकारियों से संपर्क कर सकता है। सूचना प्राप्ति के विभिन्न माध्यमों के तहत आईडीपी अब मोबाईल एप पर उपलब्ध है, जिसे एंड्रॉइड और आइओएस दोनों ही प्लेटफॉर्म पर डाउनलोड किया जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए लॉग ऑन करें: www.indiadataportal.com

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“The views expressed in this article are personal. Upendra Singh is a Consultant at India Data Portal.